
यह पुस्तक पूरे भारतवर्ष के मंदिर स्थापत्य की समृद्ध ऐतिहासिक परंपराओं का सटीक तथा प्रमाणित विवेचन प्रस्तुत करती है। इसमें नागर, द्रविड़ और वेसर—तीन प्रमुख स्थापत्य शैलियों की विशद व्याख्या है, जो भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को कला, ज्यामिति व आध्यात्मिक ऊर्जा के संदर्भ में उजागर करती हैं
| विषय | विवरण | 
|---|---|
| शैलियाँ | नागर (Valabhi, Phamsana, Latina, Shekhari, Bhumija), द्रविड़, वेसर | 
| विशिष्टताएँ | शिखर/विमान, गोपुरम, जटिल नक्काशी, ग्रिड व्यवस्था | 
| शास्त्रीय सिद्धांत | वेद, वास्तुशास्त्र, ज्यामिति, ऊर्जा विज्ञान | 
| लाभ | शैक्षणिक, आध्यात्मिक, वास्तु-निर्देशनात्मक | 
 
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