मन्दिर एवं देव स्थापत्य के मूल सिद्धांत “प्रमुख शैलियाँ”

मन्दिर एवं देव स्थापत्य के मूल सिद्धांत “प्रमुख शैलियाँ”

यह पुस्तक पूरे भारतवर्ष के मंदिर स्थापत्य की समृद्ध ऐतिहासिक परंपराओं का सटीक तथा प्रमाणित विवेचन प्रस्तुत करती है। इसमें नागर, द्रविड़ और वेसर—तीन प्रमुख स्थापत्य शैलियों की विशद व्याख्या है, जो भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को कला, ज्यामिति व आध्यात्मिक ऊर्जा के संदर्भ में उजागर करती हैं

संक्षेप सारणी

 

विषयविवरण
शैलियाँनागर (Valabhi, Phamsana, Latina, Shekhari, Bhumija), द्रविड़, वेसर
विशिष्टताएँशिखर/विमान, गोपुरम, जटिल नक्काशी, ग्रिड व्यवस्था
शास्त्रीय सिद्धांतवेद, वास्तुशास्त्र, ज्यामिति, ऊर्जा विज्ञान
लाभशैक्षणिक, आध्यात्मिक, वास्तु-निर्देशनात्मक

मूल्य : ₹ 1695 /- प्रति पुस्तक

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