प्रतिमा निर्माण विधान” एक दिव्य ग्रंथ है, जहाँ शास्त्र-सम्मत सिद्धांतों, वैदिक वास्तु, और ऊर्जा विज्ञान के आदर्शों को मिश्रित कर प्रतिमाओं के निर्माण की पद्धति और उद्देश्य को स्पष्ट किया गया है।
कारण | विवरण |
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शास्त्र-सम्मत वास्तु शिक्षा | यह पुस्तक वैदिक सिद्धांतों पर आधारित मार्गदर्शन देती है। |
व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक संतुलन | केवल तकनीकी विवरण नहीं—बल्कि ऊर्जा, दिशा, और आध्यात्मिक संतुलन का गहन अध्ययन। |
सभी स्तरों पर उपयोगी | गृह पूजन के शौकीन, मंदिर संस्थापक, आचार्य, शिल्पकार, वास्तु विशेषज्ञ—सभी के लिए उपयुक्त और उपयोगी। |
लाभ | शैक्षणिक, आध्यात्मिक, वास्तु-निर्देशनात्मक |
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