शिव या शिवायः बोलते ही हमें एक अजीब सा सुकून मिलने लगता है, जल तत्व तुरंत सक्रिय हो जाता है औऱ भावनाओं के उद्वेग को और उद्वेलित कर देता है, जिस गति से मन की सुनामी औऱ प्रलयंकारी होती है उसी गति से मन मे शांति आती चली जाती है। एक गहरी लंबी सांस को अंदर खींचते हुए ॐ नमः शिवायः का मानसिक जाप अतुलनीय शीतलता औऱ स्थिरता देता है। एक बार मेरे साथ बोलिये ; ॐ नमः शिवायः🙏🏻
ॐ नमः शिवाय का रहस्य……..
ॐ नमः शिवाय सिर्फ एक मन्त्र नही, हमारी उत्तपत्ति है….
यह हमारे जीवन को पहचान देता है….
ॐ हमारा निराकार रूप दर्शाता है…
जब शून्य था और कुछ नही था तब सबसे पहले ज्योति के साथ “ॐ” की ध्वनि उतपन्न हुई थी यह दर्शाता है कि
हम ही ज्योति है…….
हम ही निराकार है
हम ही अनन्त है….
नमः शिवाय हमारे साकार रूप को दर्शाता है…
यह मन्त्र हमारे पांच तत्वों को प्रदर्शित करता है…
न -पृथ्वी तत्व
म – जल तत्व
शि- अग्नि तत्व
वा – वायु तत्व
य – आकाश तत्व
नमः शिवाय दर्शाता है हमारे पांचो शरीरो को…..
अन्नमय कोष (न)
प्राणमय कोष (म)
मनोमयकोष (शि)
ज्ञानमयकोश (वा)
आंनन्दमयकोश (य)
नमः शिवाय हमे याद दिलाने के लिए है…
कि हमे अब “ॐ”तक की अपनी यात्रा को पूर्ण करना है
साकार से अपने निराकार रूप तक की..
नर से नारायण तक की..
यात्रा को पूर्ण करना है
नमः शिवाय के निरन्तर जप से हमारी तत्व शुद्धि होती है,
हमारे कर्म सार्थक होते है और हमारा मन पवित्र होता है क्षमा करना,
स्वीकार करना, निश्चल प्रेम देना ये गुण प्रकट होने लगते है।